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नयी सृष्टि
क्रिया किसी वस्तु विशेष को पाने के लिए चेतना का संकीर्ण होना है । नये जगत् की सृष्टि इस नियम का अपवाद नहीं है ।
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नयी सृष्टि की उपलब्धि : इसी के लिए हमें अपने-आपको तैयार करना चाहिये ।
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परम प्रज्ञा के लिए कोई भी चीज ओर हर एक चीज धरती को नयी सृष्टि की दृष्टि से तैयार करने का साधन बन सकती है !
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जड़तत्त्व अतिमानस को ग्रहण करने के लिए अपने-आपको तैयार कर रहा है : नयी सृष्टि की तैयारी के लिए जड़तत्त्व अपने- आपको पुरानी आदतों से मुक्ति दिलाने की कोशिश करता है ।
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नयी सृष्टि का आदर्श : भविष्य में अपने-आपको चरितार्थ करने के लिए आदर्श को प्रगतिशील होना चाहिये ।
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नयी सृष्टि की बहुविध शक्ति : नयी सृष्टि सम्भावनाओं में समृद्ध होगी ।
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नयी सृष्टि की मनोहरता : नयी सृष्टि उन सभी के लिए मनोहर है जो प्रगति करना चाहते हैं । * १२८ नयी सृष्टि का सौन्दर्य : नयी सृष्टि भगवान् को अभिव्यक्त करने की ज्यादा अच्छी कोशिश करती है ।
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नयी सृष्टि की उपयोगिता : ऐसी सृष्टि जिसका लक्ष्य है मनुष्यों को अपना अतिक्रमण करना सिखाना । १२९
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